About sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
If one listens to Siddha Kunjika Strotam with total devotion, the person will surely experience positive variations in his/her everyday living.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
मां more info दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।